हिरोशी, जो आधे साल तक डेटिंग के बाद उसके घर गई थी, गलती से अपनी माँ के पर्याप्त वक्ष से वंचित हो गई। हिरोशी, जिसे उस रात उसके घर पर रुकना था, को खुजली वाली हवा में कठिनाई हो रही थी क्योंकि उसकी माँ ने बाथटब उधार लेने पर उसका क्रॉच धोया था। और जब मैं आधी रात को बिना सोए कमरे से बाहर निकला तो शयनकक्ष में शांति से सो रही मेरी माँ की कोमल छाया मेरी दृष्टि में आ गई। छोटा हिरोशी उत्साहित हुए बिना नहीं रह सका और अपनी माँ के सोते हुए रूप को छूने के लिए आगे बढ़ा...!
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